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Tuesday, March 7, 2023

शबे बरात से पहले मुआफ़ी मांगना कैसा?

शबे बरात से पहले मुआफ़ी मांगना कैसा ?



👉🏽 आजकल व्हाट्सऐप और फेसबुक पर शबे बारात के हवाले से लोग एक दूसरे से अपनी गलतियों की मुआफ़ी मांग रहे हे और ये समज रहे हे हमने मुआफ़ी का हक्क अदा कर दिया.!

🔅 इंसान के दो हक्क है एक हकुकुल्लाह और दुसरा हुकुकुल ईबाद🔅

👉🏽 एक अल्लाह(عَزَّوَجَلَّ) का हक्क है जैसे की… हमने नमाज़ नही पड़ी, रोज़ा नहीं रखा तो इस रात में आप अल्लाह(عَزَّوَجَلَّ) से मुआफ़ी मांगे अल्लाह(عَزَّوَجَلَّ) रहीम है मुआफ़ फरमा देगा.!

✒लैकीन किसी बन्दे का हक्क आपने दबाया, किसी का दील दुखाया या तक़लीफ पोहचाई तो उससे मिल कर मुआफ़ी मांग कर हक्क मुआफ़ नहीं करायेंगे तब तक अल्लाह(عَزَّوَجَلَّ) भी मुआफ़ नहीं करेंगा और अगर यहाँ मुआफ़ नहीं करवाया तो क़यामत में तमाम अपनी नेकिया हक़दार को देनी होगी और आप नेकियों के बा’वजूद ख़ाली होंगे फिर क़यामत का अंजाम आपके सामने है.!

👉🏽 और शरीयत का मसला है जो गुनाह ख़ुफ़िया हो उसकी तोबा और मुआफ़ी भी ख़ुफ़िया होगी और जो गुनाह एलानिया हो उसकी तोबा और मुआफ़ी भी एलानिया होगी व्हाट्सऐप और फेसबुक पे भेजने से मुआफ़ नहीं हो जायेगी.!

✒ यही वजह है के हमारे नबी-ऐ-करीम(ﷺ) का जब इस दनिया से जाने का वक़्त क़रीब आया तो आपने मदीना शरीफ के सारे लोगो को जमा कर के यही काम किया.!

👉🏽 हम आपसे गुज़ारीश करते है की… अगर आप को लगता है के फ़ला के साथ मैंने गलत किया शर्माये नहीं, नबी-ऐ-करीम(ﷺ) की सुन्नत पर अमल करते हुवे खुद उनके पास जाये और मुआफ़ी मांगे और मुआफ़ करवाये इसी में हमारी भलाई है.! इस नेक काम के लिए हमारा नफ़्स हमें रोकेगा, हमारा गुरुर और घमंड रोकेगा मगर हमें नफ़्स को हराना हे.!

✒ लेकिन कुछ हमारे ऐसे भाई हैं जो व्हाट्सऐप और फेसबुक पर ऐसे लोगों से माफी मांगते हैं जिनसे हमारा कोई ताल्लुक ही नहीं.!

👉🏽 मगर आजकल व्हाट्सऐप और फेसबुक पर अपनी गलतियों की मुआफ़ी मांगने की धूम मची है इसलिये की शबे बरात के दिन नामये आमाल तबदील होते है.! में तो ये कहता हुं की आप हर एक से मुआफ़ी मांगे.! और मुआफ़ी मांगनी भी चाहिये.! यक़ीनन इस में कोई शक नही की इस तरह मुआफ़ी मांगना भी सही व दुरुस्त है.! लेकिन अफ़सोस सद अफ़सोस…

➡️ जिनकी बे रुखी, गलत हरकतों और गंदे कामों से घर में माँ-बाप नाराज़ पड़े हैं.!

➡️ भाई-बहन, रिश्तेदार व पड़ोसी रूठे बैठे हैं.!

➡️ मोहल्ले वाले तंग व परेशान हैं.!

👉🏽 वो लोग माँ-बाप, भाई-बहन, रिश्तेदार व पड़ोसियों से मुआफ़ी मांग कर उन्हे राज़ी करने के बजाए, व्हाट्सऐप और फेसबुक के चंद रोज़ा अंजान दोस्तो से माफी मांगने और उन्हे मनाने में लगे हैं, अरे भाई.! जिनका हक्क पहले है, पहले उनसे तो मुआफ़ी मांग लो, पहले उन्हें तो राज़ी कर लो.!

इंशाअल्लाहुल अजीज़ , अल्लाह तआला हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल की तौफीक दे।

इस पोस्ट को ज़्यादा से ज़्यादा लोगो तक पहोचाये। जजाकल्लाह खैर।


How about apologizing before Shab-e-Barat?

👉🏽 Nowadays on WhatsApp and FacebookShabe Barat People are asking each other for forgiveness for their mistakes and they are thinking that they have paid their right for forgiveness.!

🔅 Man has two rights, one is Hukukullah and the other is Hukukul Ibad

👉🏽 There is a right of Allah (Azzawajal) like... We did not pray, we did not keep fast, so you ask forgiveness from Allah (Azzawajal) this night, Allah (Azzawajal) is Most Merciful and will grant forgiveness.!

✒But if you suppress the right of a servant, hurt someone's heart or cause trouble, you will meet with him and ask for forgiveness, then Allah will not forgive him. Who will have to give and you will be empty despite the good deeds then the end of the doomsday is in front of you.

👉🏽 And it is a matter of Shari'ah, the sin which is secret, its repentance and forgiveness will also be secret and the sin which is public, its repentance and forgiveness will also be public, sending on WhatsApp and Facebook will not be forgiven.!

✒ This is the reason that when the time of our Nabi-i-Kareem (peace be upon him) to leave this world came near, you gathered all the people of Madinah Sharif and did the same thing.

👉🏽 We request you that… If you feel that I have done wrong with Fala, do not be shy, follow the Sunnah of Nabi-e-Kareem (ﷺ) and go to him yourself and ask for forgiveness and get him forgiven. It's our good. Our Nafs will stop us for this noble work, our pride and pride will stop us but we have to defeat Nafs.!

✒ But there are some of our brothers who apologize on WhatsApp and Facebook to such people with whom we have no relation at all.!

👉🏽 But nowadays there is a lot of fanfare on WhatsApp and Facebook to ask for forgiveness for their mistakes, because on the day of Shab-e-Barat, names and deeds are transformed.! I say that you should apologize to everyone.! And should also apologize. Surely, there is no doubt that asking for forgiveness in this way is also right and proper.! But sorry, sorry…

➡️ Whose rudeness, wrong actions and dirty deeds have made the parents angry at home.!

➡️ Brothers and sisters, relatives and neighbors are sitting angry.!

➡️ The people of the neighborhood are tight and upset.!

👉🏽 Instead of persuading parents, siblings, relatives and neighbors by apologizing to them, they are engaged in apologizing and persuading unknown friends on WhatsApp and Facebook for a few days, oh brother.! Those who have rights first, first ask for forgiveness from them, first please them.!

Inshallahul Aziz, may Allah Ta'ala give us the ability to act rather than listen to what we say.

Share this post to as many people as possible. Jazakallah Khair.


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